
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 3 दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का आगाज हुआ। उद्घाटन सत्र में पहुंचे सीएम भूपेश बघेल जनजातीय संगीत पर खुद को नृत्य करने से नहीं रोक पाए। मुख्यमंत्री खुद “मुंडा बाजा’ लेकर लोकनर्तकों के बीच पहुंच गए। जनजातीय समुदाय के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ बस्तर बैंड ने शानदार प्रस्तुति देकर ऐसा माहौल बनाया कि वहां मौजूद हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
सीएम भूपेश बघेल के साथ आदिवासी विकास विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी लोक वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकते नजर आए। एक वक्त ऐसा भी आया, जब सीएम भूपेश बघेल अपने आप को थिरकने से रोक नहीं पाए और उन्होंने भी मुंडा बाजा थामा और थाप देने लगे। मुख्यमंत्री ने बस्तर बैंड के कलाकारों के साथ ताल से ताल मिलाया। सीएम ने बस्तर बैंड में शामिल नन्ही कलाकार जया सोढ़ी को गोद में उठाया और उसे प्रोत्साहित किया। बता दें कि तीन दिन के महोत्सव में प्रत्येक शाम छत्तीसगढ़ की विभिन्न नृत्य विधाओं का प्रदर्शन किया जाना है।
बता दें कि बस्तर बैंड की स्थापना कला मर्मज्ञ अनुप रंजन पांडेय ने की है। अपनी खूबियों के लिए बस्तर बैंड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। इस बैंड में 4 साल के बच्चे से लेकर 77 साल तक के बुजुर्ग कलाकार शामिल हैं। कला क्षेत्र में योगदान के लिए अनुप रंजन पांडेय को पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। बस्तर बैंड के कलाकार अलग-अलग जनजातीय समुदाय से हैं। कलाकारों को वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही इनके निर्माण में महारात हासिल है।