ये है देश का सबसे अनोखा स्कूल, पूरे स्कूल में बस एक स्टूडेंट और एक ही टीचर, हर रोज होती है पढ़ाई
अपने सरकारी स्कूलों का माहोल तो देखे ही होगा, कहीं टीचर की लापरवाही तो कहीं बच्चे नहीं पढ़ते लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर सिर्फ एक ही स्टूडेंट है और एक ही अध्यापक है। आइए नीचे खबर में जानते हैं स्कूल के माहोल के बारे में।

Breaking News : आपने Govt Schools स्कूलों की बदहाली, शिक्षकों की लापरवाही, स्टूडेंट्स के नदारद रहने की खबरें तो खूब देखी पढ़ी होंगी. लेकिन ये कहानी अलग है. ये एक मिसाल है. उन सभी के लिए जिनके पास स्कूल न जाने और पढ़ाई में मन न लगाने के लाखों बहाने होते हैं. ये कहानी है एक ऐसे स्कूल की जहां सिर्फ एक ही छात्र है और एक ही टीचर- Kishore Mankar. ये एक सरकारी जिला स्कूल है, महाराष्ट्र के वाशिम जिले के गणेशपुर गांव में. स्कूल का नाम है- जिला परिषद् प्राथमिक मराठी शाला.
इस स्कूल में जो इकलौता बच्चा पढ़ता है, उसका नाम है कार्तिक शिगाओकर. अभी वो तीसरी क्लास में पढ़ता है. पिछले दो साल से इस स्कूल में पढ़ने वाला कार्तिक एकमात्र स्टूडेंट है.
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प्रार्थना भी होती है और मिड डे मील भी बनता है
यहां टीचर भी सिर्फ एक ही हैं, जिनका नाम है किशोर मानकर. वही कार्तिक को हर विषय पढ़ाते हैं. दोनों रोज स्कूल जाते हैं. किशोर बताते हैं कि वह रोज करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करके स्कूल जाते हैं. दोनों सुबह की प्रार्थना करते हैं. राष्ट्रगान गाते हैं. फिर क्लास शुरू होती है.
किशोर ने बताया कि ‘कार्तिक के अलावा स्कूल में दूसरे किसी बच्चे का एडमिशन नहीं है. लेकिन इससे उसकी पढ़ाई बंद नहीं होगी. स्कूल प्रशासन स्कूल का संचालन जारी रखना चाहता है. फिर चाहे वहां एक ही स्टूडेंट क्यों न हो. उस एक बच्चे के लिए Mid Day Meal भी बनता है और मिलता है. सारी सुविधाएं सरकार मुहैया करा रही है.’
स्कूल में एक ही छात्र क्यों?
इतने अनुशासन और आदर्श स्थिति के बावजूद इस स्कूल में एक ही स्टूडेंट क्यों है? इसके जवाब में किशोर कहते हैं, ‘गणेशपुर गांव की कुल आवादी 150 के करीब है. यहां जिला स्कूल में क्लास 1 से लेकर 4 तक की पढ़ाई कराई जा सकती है. लेकिन गांव की कुल आबादी में इस आयु वर्ग में सिर्फ एक ही बच्चा आता है.’
ये है देश का सबसे अनोखा स्कूल, पूरे स्कूल में बस एक स्टूडेंट और एक ही टीचर, हर रोज होती है पढ़ाई most unique school in the country, only one student and one teacher in the whole school, studies are done everyday