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स्वास्थ्य मंत्री की हत्या मामला : आखिर 18 मेडल जीतने वाले पुलिसवाले ने क्यों की मंत्री नब किशोर दास की हत्या? CID की टीम जांच में जुटी,पत्नी बोली- मंत्री और ASI के बीच

Odisha Health Ministe murder case : policeman won 18 medals kill minister Nab Kishore Das ? CID team engaged in investigation, wife said - between minister and ASI

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भुवनेश्वर: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास को उन्‍हीं की सिक्योरिटी में लगे पुलिसकर्मी ने गोलियों से भून दिया। रविवार दोपहर की घटना पूरे देश को हैरान कर गई। पुलिस ने कहा कि मंत्री की ड्यूटी में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) गोपालकृष्‍ण दास ने ही उन्हें गोली मार दी। घटना झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर की है। स्वास्थ्य मंत्री नब क‍िशोर दास को गोली लगने के तुरंत बाद पहले झारसुगुड़ा के जिला अस्पताल और फिर एयरलिफ्ट कर भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल ले जाया गया।

स्वास्थ्य मंत्री की मौत, ASI ने मारी थी ताबड़तोड़ गोलियां

जहां तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने कहा कि मंत्री को गोली मारने के आरोपी ASI गोपाल दास को स्थानीय लोगों ने पकड़ा। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। आरोपी ने हमले की वजह नहीं बताई है। आरोपी की पत्नी ने भी कहा कि टीवी पर न्यूज देखकर उसे घटना का पता चला। मंत्री के हत्यारे ASI गोपालकृष्‍ण दास के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।

ओडिशा के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का हत्‍यारा ASI गोपाल दास कौन है?

नब किशोर दास की हत्‍या का आरोपी ASI गोपाल दास मूल रूप से गंजाम जिले के जलेश्‍वरखंडी गांव का रहने वाला है। उसने बरहमपुर में बतौर कॉन्‍स्‍टेबल पुलिस करियर की शुरुआत की। 12 साल पहले, गोपाल दास को असिस्‍टेंट सब-इंस्‍पेक्‍टर की रैंक पर प्रमोट कर झारसुगुड़ा भेजा गया था। उसकी वर्तमान पोस्टिंग बजरंगनगर में गांधी चौक आउटपोस्‍ट के इंचार्ज के रूप में है। ASI गोपाल दास का बैकग्राउंड खंगाले पर पता चला कि उसे मानसिक बीमारी है। वह हाई ब्‍लड प्रेशर का भी मरीज है।

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मंत्री को गोली मारने से पहले ASI ने की थी Video Call, पत्नी ने बताईं चौंकाने वाली बातें

बरहमपुर के MKCG मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि गोपाल दास बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़‍ित है। त्रिपाठी के मुताबिक, 8-10 साल पहले गोपाल दास उनके क्लिनिक में आया था। बकौल डॉक्‍टर, दास बहुत जल्‍दी गुस्‍सा हो जाता था। इसी बात के लिए उसका इलाज चल रहा था।’ दास की पत्‍नी जयंती ने कन्‍फर्म किया कि उनके पति बीमारी के लिए दवा लिया करते थे। हालांकि, उसने कहा कि ‘चूंकि वह हमसे 400 किलोमीटर दूर रहते हैं, मैं कह नहीं सकती कि वे रेगुलरली दवा ले रहे थे।’

मैं नहीं जानता है कि वो (गोपाल दास) नियमित रूप से दवाएं ले रहा था या नहीं। अगर दवा ठीक से नहीं ली जाए तो बीमारी फिर उभर आती है। उसे मेरे पास आए हुए सालभर हो चुका है।

डॉक्‍टर चंद्रशेखर त्रिपाठी (ASI का इलाज करने वाले)

बाइपोलर डिसऑर्डर क्‍या है?

बाइपोलर डिसऑर्डर ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें व्‍यक्ति का मूड बड़ी तेजी से बदलता है। कभी डिप्रेशन तो कभी सनकपन सा सवार हो जाता है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, बीमारी को काउंसलिंग के साथ ट्रीटमेंट से कंट्रोल किया जा सकता है।

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मानसिक हालत ठीक नहीं तो पिस्‍टल क्‍यों दी?

एक पुलिस ऑफिसर के हाथों मंत्री की हत्‍या से कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे अहम सवाल यह कि मानसिक हालत के बारे में पता होने के बावजूद, ASI गोपाल दास को पिस्‍टल का लाइसेंस क्‍यों जारी किया गया? न्‍यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से कहा कि रविवार को ASI गोपाल दास की ड्यूटी लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए लगी थी।

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मंत्री पर गोलियां चलाने से पहले, ASI गोपाल ने अपनी बाइक स्‍पॉट से महज 50 मीटर दूर खड़ी की थी। कथित रूप से ASI गोपाल दास ने मंत्री के कार से नीचे उतरते वक्‍त गोलियां बरसाईं। मंत्री को एक गोली लगी। घटना के फौरन बाद गोपाल दास ने हवाई फायरिंग कर वहां से भागने की कोशिश की मगर दबोच लिया गया। हालांकि, ASI ने मंत्री को क्‍यों मारा इसकी वजह अभी तक नहीं पता चल सकी है।

मेडल्‍स, कैश अवार्ड जीत चुका है ASI

54 साल के ASI गोपाल दास को सर्विस के लिए कई मेडल्‍स मिले हैं। उसका सर्विस रिकॉर्ड बताता है कि अपने अच्‍छे काम से उसने 12 गुड सर्विस मार्क्‍स (2016 से पहले) बटोरे। झारसुगुड़ा के एक पुलिस अधिकारी ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया केा बताया कि गोपाल दास को बढ़‍िया इनेवस्टिगेशन के लिए 18 मेडल मिले हैं। वह अपने करियर में आठ बार कैश अवार्ड भी जीत चुका है। ASI गोपाल दास के सर्विस रिकॉर्ड के अनुसार, उसे केवल एक बार ही हल्‍की सजा हुई। चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। हालांकि, सर्विस बुक में ASI की मानसिक बीमारी का कोई जिक्र नहीं है।

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CID की 7 सदस्यों की SIT कर रही जांच

ओडिशा सरकार ने मामले की जांच सीआईडी (क्राइम ब्रांच) को सौंपी है। सात सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इसकी जांच कर रही है। इस बीच, ब्रजराजनगर में मंत्री समर्थक धरने पर हैं। उनका आरोप है कि मंत्री को निशाना बनाने की साजिश रची गई।

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सबसे धनी MLA थे नब किशोर दास

नब किशोर दास झारसुगुड़ा के ताकतवर नेता और ओडिशा के सबसे धनी विधायक हैं। उनका माइनिंग और ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उन्होंने 34 करोड़ रु. की संपत्ति का खुलासा किया था, जिसमें 25 करोड़ के 80 वाहन हैं। साल 2019 के चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़ BJD में शामिल हुए थे।

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