CG Municipal-Panchayat Election 2025 रायपुर: छत्तीसगढ़ में आगामी नगर निगम और पंचायत चुनावों की प्रक्रिया में देरी हो गई है। पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि दिसंबर के अंत तक आचार संहिता लागू हो जाएगी और फरवरी के मध्य तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। राज्य सरकार ने महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण की प्रक्रिया को 7 जनवरी तक बढ़ा दिया है, जिसके कारण आचार संहिता के लागू होने की संभावना अब खत्म हो गई है। अब संभावना जताई जा रही है कि चुनाव प्रक्रिया मार्च तक बढ़ सकती है।
चुनाव की प्रक्रिया में देरी: कारण क्या हैं?
प्रशासनिक अड़चनें: विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव की तैयारियों में प्रशासनिक समस्याएं थीं, जिनमें कई नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के नोटिफिकेशन जारी करना जरूरी था। इसके अतिरिक्त, कई नगरीय निकायों में सीएमओ (मुख्य नगरपालिका अधिकारी) के पद रिक्त थे, जिन्हें भरने की आवश्यकता थी। इसके लिए सरकार ने 36 अधिकारियों को प्रमोट किया और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का स्थानांतरण भी किया।
राजनीतिक समीकरण: विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जनता के असंतोष को लेकर चिंतित है, इसलिए चुनावों में देरी हो रही है। उनका मानना है कि चुनाव में देरी करने से राजनीतिक लाभ उठाया जा सकता है। हालांकि, जनता के बीच इस बात को लेकर भी उत्सुकता है कि क्या इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
चुनावी तारीखों के लिए संभावित समयसीमा CG Municipal-Panchayat Election 2025
मार्च तक चुनाव हो सकते हैं: विभागीय सूत्रों के अनुसार, यदि जनवरी के मध्य तक आचार संहिता लागू होती है, तो चुनाव मार्च के पहले सप्ताह तक हो सकते हैं। जनवरी में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, और चुनाव के लिए समय की कमी है, क्योंकि मतदान और मतगणना को ऐलान के 20 दिनों के भीतर संभव नहीं किया जा सकता। इसलिए, चुनावी प्रक्रिया में देरी की संभावना जताई जा रही है।
क्या निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे?
इस बार के चुनाव में यह संभावना है कि नगर निगम और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएं। इस पर अभी भी चर्चा जारी है, लेकिन जनता और राजनीतिक दलों की निगाहें अब आगामी तारीखों पर टिकी हैं।
कब लागू होगी आचार संहिता?
आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, विभागीय सूत्रों का कहना है कि जनवरी के मध्य तक आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा, जो जनवरी के अंत तक हो सकता है।
छत्तीसगढ़ के नगर निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों को लेकर अभी कुछ असमंजस है, लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर पूरी कोशिश की जा रही है कि चुनावी प्रक्रिया समय पर संपन्न हो। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन चुनावी तारीखों के मामले में कितनी तेजी से कदम उठाते हैं और क्या मार्च तक चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।