IED Blast Update जगदलपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा के सबसे भीषण हमलों में शामिल अरनपुर IED ब्लास्ट केस (Aranpur IED Blast Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने शुक्रवार को सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के 12 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी को नकदी, हस्तलिखित दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और लेवी वसूली की रसीदें मिली हैं, जिनसे नक्सली फंडिंग और हमले की साजिश के अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। IED Blast Update
NIA का ऑपरेशन: 12 जगहों पर एक साथ छापे
मिली जानकारी के अनुसार, NIA की टीमों ने शुक्रवार सुबह सुकमा और दंतेवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में गोपनीय तरीके से छापेमारी शुरू की, जो देर शाम तक जारी रही। एजेंसी की यह कार्रवाई उन लोगों के घरों और ठिकानों पर की गई जिन पर नक्सली संगठनों से संबंध रखने का संदेह है। छापेमारी के दौरान एजेंसी ने बड़ी मात्रा में नकदी, रसीदें, मोबाइल फोन, डिजिटल स्टोरेज डिवाइस, और हस्तलिखित नोट्स जब्त किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, जब्त किए गए ये दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नक्सलियों की फंडिंग, हथियार आपूर्ति और संगठनात्मक ढांचे से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठा सकते हैं।
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क्या था अरनपुर IED ब्लास्ट मामला?
यह मामला 26 अप्रैल 2023 का है, जब दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के दरभा डिवीजन इलाके में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए शक्तिशाली IED ब्लास्ट किया था। जिला बल के जवान सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा ड्यूटी पूरी कर लौट रहे थे, तभी सड़क किनारे छिपाए गए IED में विस्फोट कर दिया गया। इस दर्दनाक हमले में जिला बल के 10 जवान और एक वाहन चालक मौके पर ही शहीद हो गए थे। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि पुलिस वाहन के टुकड़े कई मीटर दूर तक जा गिरे। यह घटना पूरे राज्य में सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर देने वाली साबित हुई थी।
जांच में अब तक क्या सामने आया
हमले के बाद मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस और NIA दोनों ने मिलकर की। जांच के शुरुआती चरण में ही यह खुलासा हुआ कि हमले की साजिश दरभा डिवीजन के वरिष्ठ नक्सली नेताओं ने रची थी। अब NIA को हाल ही में मिले कुछ इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर इस बड़े नेटवर्क तक पहुंचने के लिए यह छापेमारी करनी पड़ी।
NIA अधिकारियों का बयान
NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि —
“जब्त किए गए डिजिटल डिवाइस और दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच की जाएगी। हमें उम्मीद है कि इनसे नक्सली संगठन की आर्थिक संरचना और IED हमले की साजिश से जुड़े ठोस सबूत मिलेंगे।”
IED हमले की पृष्ठभूमि
अरनपुर ब्लास्ट छत्तीसगढ़ के नक्सल इतिहास की सबसे घातक घटनाओं में से एक मानी जाती है। IED की तीव्रता इतनी अधिक थी कि जमीनी गड्ढा करीब 10 फीट गहरा और 15 फीट चौड़ा हो गया था। हमले के बाद राज्य सरकार ने शहीद जवानों के परिवारों को सम्मान राशि और नौकरी देने की घोषणा की थी। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन और एंटी-माओवादी अभियानों को तेज कर दिया था।
नक्सली फंडिंग नेटवर्क पर फोकस
NIA अब इस बात की जांच कर रही है कि नक्सलियों को IED और विस्फोटक बनाने के लिए धनराशि कैसे मिल रही थी। जब्त किए गए लेवी रसीदें और नकदी इस ओर संकेत देती हैं कि नक्सली स्थानीय व्यापारियों और ठेकेदारों से वसूली कर रहे थे। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि क्या इस नेटवर्क में कुछ स्थानीय मददगार या राजनैतिक कनेक्शन भी शामिल थे।
राज्य और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, “छत्तीसगढ़ में नक्सली नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर समन्वित अभियान चलाया जा रहा है। NIA की यह छापेमारी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”


