Rajya Sabha elections / नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से होने वाले आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने गुलाम मोहम्मद मीर, राकेश महाजन और सतपाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। यह फैसला बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें वरिष्ठ नेताओं ने सर्वसम्मति से इन नामों पर मुहर लगाई। Rajya Sabha elections
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बता दें कि इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने भी अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद अब मुकाबला दिलचस्प हो गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतपाल शर्मा वर्तमान में जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उनका पहला कार्यकाल 2015 से 2018 तक रहा था। शर्मा 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
वहीं राकेश महाजन राज्य भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष हैं और संगठन में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे पार्टी के रणनीतिक मामलों में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं। तीसरे उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद मीर पिछले साल हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में हंदवाड़ा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रहे थे, हालांकि उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन से हार का सामना करना पड़ा था।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के इन तीन नामों के चयन से पार्टी ने संगठनात्मक मजबूती और क्षेत्रीय संतुलन दोनों को ध्यान में रखा है। इन उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को और सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कौन हैं गुलाम मोहम्मद मीर, जिन्हें BJP ने बनाया राज्यसभा उम्मीदवार
जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिनमें से एक नाम है गुलाम मोहम्मद मीर का। पार्टी ने उन्हें केंद्र शासित प्रदेश से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। मीर का चयन न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर की बदलती राजनीतिक रणनीति का भी प्रतीक माना जा रहा है।
गुलाम मोहम्मद मीर कश्मीर घाटी के हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। वे एक जमीनी स्तर के नेता हैं और लंबे समय से भाजपा संगठन से जुड़े हुए हैं। पिछले साल हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मीर ने हंदवाड़ा सीट से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। हालांकि, उस चुनाव में उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता सज्जाद गनी लोन से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन मीर की मेहनत और क्षेत्र में उनकी बढ़ती स्वीकार्यता ने उन्हें पार्टी के उच्च नेतृत्व की नजरों में मजबूत उम्मीदवार बना दिया।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, मीर की छवि एक ईमानदार, सादगीपूर्ण और संगठन के प्रति समर्पित कार्यकर्ता की है। वे कश्मीर घाटी में भाजपा के जनाधार को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मीर ने हमेशा स्थानीय मुद्दों पर बेबाकी से आवाज उठाई है, चाहे बात कश्मीरी युवाओं के रोजगार की हो या आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की मदद की।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि गुलाम मोहम्मद मीर को राज्यसभा भेजकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी घाटी के लोगों को भी राष्ट्रीय राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व दे रही है। इससे कश्मीर में पार्टी की छवि और पकड़ दोनों मजबूत होंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीर की उम्मीदवारी भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह “नया जम्मू-कश्मीर, नया नेतृत्व” की सोच को आगे बढ़ा रही है। गुलाम मोहम्मद मीर का नाम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो घाटी में भाजपा के विस्तार के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
