BREAKING NEWS / भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को हिला कर रख दिया। यहां एक मात्र 15 दिन के नवजात को इतनी क्रूरता के साथ जंगल में फेंक दिया गया कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाए। मासूम के मुंह में पत्थर ठूंस दिए गए और होंठों को फेवीक्विक से चिपका दिया गया ताकि उसकी रोने की आवाज बाहर न निकल सके। इसके बाद उसे पत्थरों के ढेर के नीचे दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया गया।
पत्थरों के ढेर से मिली जिंदगी
घटना मंगलवार दोपहर की है। भीलवाड़ा के महादेव जंगल में मवेशी चराने गए एक चरवाहे की नजर अचानक पत्थरों के ढेर पर पड़ी, जहां हल्की-सी हलचल दिखाई दी। पास जाकर देखा तो वह दंग रह गया। पत्थरों के नीचे दबा नवजात जीवित था। चरवाहे ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और मासूम की जान बचाई।
अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल भीलवाड़ा ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत नाजुक थी, होंठों पर फेवीक्विक के निशान और दाईं जांघ पर जलने के निशान मिले। हैरान करने वाली बात यह रही कि जंगल में छोड़ने से ठीक पहले नवजात को दूध पिलाया गया था। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है।
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पुलिस जांच शुरू
पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर किसने नवजात पर इतनी क्रूरता दिखाई। आसपास के अस्पतालों से हाल ही में हुई डिलीवरी का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है ताकि बच्चे की मां और परिवार तक पहुंचा जा सके। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
चरवाहा बना फरिश्ता
जिस चरवाहे ने इस मासूम की जान बचाई, वह भी इस घटना से सदमे में है। उसने कहा कि अगर वह कुछ देर और देर कर देता तो शायद नवजात जिंदा नहीं बच पाता। पूरे शहर में इस मासूम की सलामती की दुआ और चरवाहे की बहादुरी की चर्चा हो रही है।