Raipur Cyber Crime News रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे अंतरराज्यीय साइबर अपराधी गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी APK फाइल भेजकर मोबाइल फोन हैक कर लाखों की ठगी कर रहे थे। इस कार्रवाई में दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी और पश्चिम बंगाल के कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। यह कार्रवाई रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर की गई। Raipur Cyber Crime News
फर्जी APK फाइल बनाकर करते थे मोबाइल हैक Raipur Cyber Crime News
मुख्य आरोपी धर्मजीत सिंह (18), निवासी पुणे ने फर्जी APK (Android Package Kit) फाइल तैयार की थी, जिसमें मेलेशियस कोड डाला गया था।
इस फाइल को—
- सरकारी योजनाओं,
- बैंकिंग ऐप,
- बिजली बोर्ड,
- RTO चालान,
- कस्टमर सपोर्ट
जैसे नाम देकर असली ऐप जैसा दिखाया जाता था। जैसे ही कोई यूजर APK इंस्टॉल करता, मोबाइल पूरी तरह हैक हो जाता।
क्लिक करते ही मोबाइल हैक, बैंक अकाउंट खाली
जैसे ही पीड़ित फर्जी APK पर क्लिक करता—
- मोबाइल में मौजूद कॉन्टैक्ट्स,
- OTP,
- बैंकिंग डिटेल्स,
- गैलरी,
- कॉल लॉग,
- और मोबाइल का पूरा नियंत्रण
सीधे हैकर के हाथ में चला जाता था।
हैकर तुरंत पीड़ित के मोबाइल से बैंकिंग जानकारी निकालकर खाते से हजारों-लाखों रुपए उड़ा लेते थे।
500 से अधिक लोगों के टेलीग्राम ग्रुप में बेचता था फाइल
धर्मजीत ने टेलीग्राम पर 500+ लोगों का ग्रुप बनाकर यह फर्जी APK फाइल बेचना शुरू किया।
फाइल खरीदने वाले साइबर अपराधी इसे—
- WhatsApp ग्रुप,
- निजी चैट,
- बुल्क मैसेज
के जरिए आम लोगों को भेजते थे।
कई राज्यों में फैला नेटवर्क
गिरोह के सदस्य दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, एमपी और बंगाल से काम कर रहे थे। एपीके भेजते ही पीड़ित के मोबाइल से उसके सभी कॉन्टैक्ट्स पर भी वही फाइल अपने आप चली जाती थी, जिसके कारण कई लोग लगातार इस जाल में फँसते जा रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा — जानिए पूरा घटनाक्रम
साइबर ठगों ने रायपुर की दो घटनाओं में—
- अर्चना भदौरिया को RTOechallan.apk भेजकर
- महेश कुमार साहू को PMkisanyojna.apk भेजकर
कुल 17.12 लाख की ऑनलाइन ठगी कर ली थी।
रिपोर्ट दर्ज होते ही—
- थाना टिकरापारा (अपराध क्रमांक 734/25)
- थाना राखी (अपराध क्रमांक 132/25)
में मामला दर्ज किया गया और जांच रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई।
तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रैकिंग के बाद पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कई राज्यों में एक-एक कर रेड डालकर सभी 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची और भूमिका
1. सौरव कुमार (बिहार/नोएडा)
- फर्जी कंपनी खोलकर बैंक खाता बनवाना
- शिक्षा: 12वीं
- पेशा: ड्राई फ्रूट सेल्समैन
2. आलोक कुमार (बिहार/दिल्ली)
- म्यूल बैंक अकाउंट इकट्ठा करना
- अन्य आरोपियों को बेचने का काम
- शिक्षा: 12वीं
3. चांद बाबू (मध्य प्रदेश)
- ठगी से निकाली रकम ATM से निकालने का काम
- शिक्षा: 12वीं
4. धर्मजीत सिंह (पुणे, महाराष्ट्र)
- फर्जी APK फाइल बनाने वाला मुख्य हैकर
- शिक्षा: 12वीं
5. मोहम्मद इरफान अंसारी (आसनसोल, पश्चिम बंगाल)
- फर्जी APK फाइल पीड़ितों को भेजने का काम
- मोबाइल दुकान मालिक
6. मारूफ सिद्दीकी अंसारी (ठाणे, महाराष्ट्र)
- म्यूल बैंक खातों की व्यवस्था
- पेशा: पैकर्स एंड मूवर्स
इन सभी APK फाइलों से की जाती थी ठगी
गिरोह निम्न फर्जी ऐप बनाकर लोगों को भेजता था—
- RTOchallan.apk,
- PMkishan.apk,
- Customer_support.apk,
- ICICIBank.apk,
- SBIcreditcard.apk,
- Fastag.apk,
- Ayushman Card.apk,
- CSCservicejoin.apk,
- PunjabNationalBank.apk,
- SBIyono.apk,
- Courierservice.apk,
- Insurance.apk,
- Admin.apk,
- Pandaadmin.apk,
आदि।
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2 लाख रुपए बैंक में होल्ड, बाकी राशि की जांच जारी
पुलिस ने आरोपियों के व्यक्तिगत खातों में मौजूद 2 लाख रुपए होल्ड कर दिए हैं। उन्होंने ठगी की रकम से मोबाइल दुकान में स्टॉक खरीदा था। बाकी राशि की ट्रैकिंग जारी है।
साइबर पुलिस की जनता से अपील
- किसी अज्ञात लिंक या APK फाइल पर क्लिक न करें
- ऐप हमेशा Google Play Store से ही डाउनलोड करें
- मोबाइल में एंटीवायरस का उपयोग करें
- ऐप इंस्टॉल करते समय उसकी अनुमतियों की जांच जरूर करें
- मोबाइल हैक हो जाए तो
- तुरंत सिम निकालें
- मोबाइल को फ्लाइट मोड करें
- ठगी होने पर तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें


