रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बस्तर में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जंगलपुर में नक्सलियों का सरेंडर केवल प्रचार का इवेंट है, जबकि बस्तर में अभी भी नक्सली घटनाएं लगातार घट रही हैं।
शुक्ला ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने विकास, सुरक्षा और शिक्षा के माध्यम से नक्सलवाद पर 65 प्रतिशत तक नियंत्रण पाया था, और 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे स्वीकार किया था। बस्तर संभाग में नक्सलवाद केवल 40 किमी तक सीमित था।
भाजपा सरकार पर आरोप:
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सरकार समर्पित नक्सलियों का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करती।
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यह नहीं बताया जाता कि नक्सलियों ने कौन-सी वारदातों में भाग लिया और कौन-कौन से हथियार जमा कराए।
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महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रचार के लिए बस्तर में समर्पण का इवेंट आयोजित किया गया।
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इसी बीच, बस्तर से हत्या और नक्सली घटनाओं की लगातार खबरें आती रहती हैं।
“दो दिन पहले ही एक भाजपा नेता की हत्या हुई, वहीं सुकमा में ग्रामीण को मुखबिर बताकर मारा गया। ये सरकार के दावों के बीच हो रही घटनाएं दर्शाती हैं कि वास्तविक नियंत्रण नहीं है।” – सुशील आनंद शुक्ला
कांग्रेस का कहना:
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नक्सलवाद जैसे संवेदनशील मामले पर सरकार सिर्फ मीडिया इवेंट और बयानबाजी में उलझी है।
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बस्तर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा तैयार विश्वास, विकास और सुरक्षा का माहौल ही असली नक्सल नियंत्रण की कुंजी था।
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कांग्रेस चाहती है कि सरकार सकारात्मक कदम उठाकर छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाये, सिर्फ प्रचार नहीं।
