Bageshwar Dham Katha / छत्तीसगढ़ में 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2025 तक आयोजित पांच दिवसीय श्री हनुमंत कथा का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस कथा में देशभर से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और भगवान हनुमान जी की लीलाओं, धर्म और भक्ति के संदेशों का लाभ उठाया। कथा के दौरान दो दिन दिव्य दरबार भी आयोजित किया गया, जिसमें पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों को आशीर्वचन दिए और उनकी समस्याओं का समाधान किया।
अंतिम दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक ऐतिहासिक घोषणा की — छत्तीसगढ़ में जल्द ही गाय को ‘गौमाता’ का दर्जा दिया जाएगा। पूरे पांच दिनों तक कथा स्थल पर भक्ति, कीर्तन और भजन की गूंज से वातावरण दिव्य बना रहा।
Day 1 – 4 अक्टूबर 2025
🔹 छत्तीसगढ़ में श्री हनुमंत कथा का शुभारंभ हुआ।
🔹 कथा की शुरुआत मंगलाचरण और हनुमान चालीसा के पाठ से हुई।
🔹 पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहले दिन भक्ति और सेवा का महत्व बताया।
🔹 हजारों श्रद्धालु पहले दिन से ही कथा स्थल पर पहुंचे।
🔹 कथा स्थल को फूलों और भगवा झंडों से सजाया गया, जिससे वातावरण दिव्य बना।
Day 2 – 5 अक्टूबर 2025
🔹 कथा का दूसरा दिन सामान्य पाठ और हनुमान जी की लीलाओं पर केंद्रित रहा।
🔹 भक्तों ने भजन, कीर्तन और हनुमान चालीसा के माध्यम से भक्ति की अनुभूति की।
🔹 प्रशासन की टीम सुरक्षा और व्यवस्था में सतत सक्रिय रही।
Day 3 – 6 अक्टूबर 2025
🔹 तीसरे दिन Divya Darbar का आयोजन हुआ।
🔹 देशभर से आए भक्तों ने अपनी समस्याएं रखीं और पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वचन प्राप्त किए।
🔹 भक्तों ने बताया कि दरबार में उन्हें आत्मिक शांति और नई ऊर्जा का अनुभव हुआ।
Day 4 – 7 अक्टूबर 2025
🔹 चौथे दिन भी Divya Darbar आयोजित किया गया।
🔹 पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धर्म और अधर्म के बीच के अंतर पर गहराई से चर्चा की।
🔹 उन्होंने कहा — “वह हिन्दू हिन्दू नहीं जो अधर्म के खिलाफ आवाज न उठाए।”
🔹 भजन मंडलियों ने भक्ति गीतों से वातावरण को और अधिक भावमय बनाया।
Day 5 – 8 अक्टूबर 2025
🔹 अंतिम दिन कथा का भव्य समापन हुआ।
🔹 समापन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऐलान किया —
“छत्तीसगढ़ में जल्द ही गाय को ‘गौमाता’ का दर्जा दिया जाएगा।”
🔹 पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी भक्तों को आशीर्वचन दिए।
🔹 पूरे पांच दिन कथा स्थल पर लाखों श्रद्धालु पहुंचे और हनुमान जी के जयकारों से परिसर गूंज उठा।
🔹 समापन के बाद भंडारा प्रसाद वितरण हुआ।
पांच दिवसीय श्री हनुमंत कथा एवं दिव्य दरबार छत्तीसगढ़ की आस्था, संस्कृति और भक्ति का अद्भुत संगम बना। पूरे आयोजन ने प्रदेश में भक्ति, प्रेम और धर्म के संदेश को नई दिशा दी।
