Bageshwar Dham Sarkar / रायपुर। गुढ़ियारी स्थित अवधपुरी मैदान में चल रही श्रीमंत हनुमंत कथा के पहले दिन का कार्यक्रम आध्यात्मिक माहौल और आस्था से भरा रहा। कथा व्यास पर विराजमान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में श्रद्धालुओं से कहा – “कथा में बैठना महत्वपूर्ण नहीं है, कथा तुम्हारे दिल में बैठे यह महत्वपूर्ण है। जीवन में परिवर्तन तब होगा जब कथा आपके चित्त में उतर जाएगी।” Bageshwar Dham Sarkar
मंच पर गणमान्य अतिथि रहे मौजूद
पहले दिन के आयोजन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उनकी धर्मपत्नी वीणा सिंह, पर्यटन एवं संस्कृति तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री राजेश अग्रवाल, दक्षिण कौशल पीठाधीश्वर महंत राजीव लोचन दास, आयोजक परिवार के सदस्य लक्खी प्रसाद अग्रवाल, चंदन-बसंत अग्रवाल परिवार, सहित कई सामाजिक व धार्मिक संगठन के प्रतिनिधि मंच पर मौजूद रहे। आरती के साथ पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का स्वागत किया गया।
“धर्म केवल पूजा नहीं, अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी है”
अपने प्रवचन में पं. शास्त्री ने कहा – “घंटी बजाना, पूजा करना केवल धर्म नहीं है। अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। अगर आप अधर्म के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते तो आप वास्तव में धार्मिक नहीं हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि मानव तन 84 लाख योनियों के बाद मिलता है, और यह सौभाग्य है कि हम भारत में जन्मे। अगर पाकिस्तान में होते तो “बम बनाते” लेकिन यहां हम “फटाखा बनते हैं जो फूटते नहीं।”
छत्तीसगढ़ को बताया ‘महतारी’
पं. शास्त्री ने कहा – “छत्तीसगढ़ का प्रेम अभूतपूर्व है और इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। सच में छत्तीसगढ़ महतारी है। यहां की माटी और प्रेम का अपना अलग महत्व है।” उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत “चोला माटी के हे राम” का उल्लेख कर कहा कि अब वे इसके भाव को पूरी तरह समझने लगे हैं।
पाकिस्तान और चीन पर भी बोले
मुरैना में दिए अपने बयान पर अडिग रहते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को “घर वापसी” कर भारत में शामिल हो जाना चाहिए। चीन का जिक्र करते हुए कहा – “चाइना वालों को देखकर लगता है जैसे ब्रह्माजी ने उन्हें फोटोकॉपी मशीन से बनाया है, वहां हीरो-हीरोइन सब एक जैसे लगते हैं।”
कथा में आने वालों को बताया भाग्यशाली
पं. शास्त्री ने कहा कि कथा सुनने का सौभाग्य सबको नहीं मिलता। “रामजी जिसे बुलाते हैं वही कथा में आता है। लेकिन केवल कथा सुन लेने से लाभ नहीं होगा, जब तक कथा को जीवन में उतारा न जाए।”
उन्होंने मोबाइल गेम का उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे बिना स्विच ऑन किए फोन चालू नहीं होता, वैसे ही कथा तब तक जीवन में असर नहीं करेगी जब तक भाव और श्रद्धा से उसे आत्मसात न किया जाए।
बालाजी सरकार का दिव्य दरबार और दीक्षा कार्यक्रम
मुख्य यजमान बसंत अग्रवाल ने बताया कि 6 अक्टूबर को सुबह 11 बजे बालाजी सरकार का दिव्य दरबार लगेगा, जहां पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तों की समस्याओं का निवारण करेंगे। वहीं 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजे दीक्षा कार्यक्रम होगा। इच्छुक श्रद्धालु पंडाल परिसर में बने बागेश्वर धाम कार्यालय से पंजीयन करा सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष का संबोधन
सभा को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा – “यह छत्तीसगढ़वासियों के लिए गौरव का क्षण है कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यहां 8 अक्टूबर तक हनुमंत कथा का अमृत पिलाएंगे। उनका हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प अब सांस्कृतिक आंदोलन बन चुका है। हजारों कन्याओं का विवाह, अन्नपूर्णा दरबार और कैंसर अस्पताल जैसी पहल उनके समाजसेवा के जीवंत उदाहरण हैं।”

Bageshwar Dham Sarkar: कथा में बैठना महत्वपूर्ण नहीं, कथा तुम्हारे दिल में बैठे यह महत्वपूर्ण है : पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
