CG bageshwar dham news/ रायपुर। छत्तीसगढ़ में आयोजित पांच दिवसीय श्री हनुमंत कथा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक ही मंच पर नजर आए। राजधानी रायपुर के अवधपुरी मैदान में आयोजित इस भव्य कथा में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही गाय को ‘गौमाता’ का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि “जैसे महाराष्ट्र में गाय को गौमाता का दर्जा मिला है, उसी तरह हम भी राज्य में इसे कानूनी रूप से लागू करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन भूमि माता कौशल्या का मायका और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। इस भूमि पर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन से प्रदेश को आशीर्वाद मिला है। उन्होंने बागेश्वर धाम सरकार का आभार जताते हुए कहा कि “आज बस्तर से नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और यह प्रभु श्रीराम, हनुमानजी और बाबा जी के आशीर्वाद का ही परिणाम है।”
वहीं पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा के दौरान कहा कि “जो हिन्दू अधर्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाता, वह सच्चा हिन्दू नहीं है।” उन्होंने धर्मांतरण पर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि “अब बस्तर में धर्मांतरण करने वालों का बोरिया-बिस्तर बंधेगा और उसके बाद बंगाल जाएंगे।” उन्होंने हनुमान भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि “अगर आपका सलाहकार हनुमानजी जैसा है तो आपको रामजी तक पहुंचने की जरूरत नहीं, वे खुद आपके पास आ जाएंगे।”
पं. शास्त्री ने आगे कहा — “बिच्छु के पास जहर होता है लेकिन महात्माओं के पास भजन और तप।” उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस के साइबर अपराध जागरूकता अभियान की भी सराहना की और जनता से अपील की कि वे किसी अंजान व्यक्ति के झांसे में न आएं।
कथा के समापन पर आयोजक चंदन–बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) ने स्व. श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन की ओर से सभी श्रद्धालुओं और प्रशासनिक टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “हम केवल कथा करवाने वाले हैं, करवाने वाले तो हनुमानजी हैं।”
मलूखपीठाधीश्वर अभिरामदेवाचार्य महाराज ने कहा कि “पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज सनातनियों में नई ऊर्जा और क्रांति ला रहे हैं।” वहीं आचार्य लोमेश गर्ग ने कहा कि “धर्म की स्थापना के लिए महापुरुष सदैव पृथ्वी पर अवतरित होते हैं, और पं. शास्त्री जी उसी कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।”
यह पांच दिवसीय हनुमंत कथा न केवल भक्ति और धर्म की भावना से ओतप्रोत रही, बल्कि इसने छत्तीसगढ़ में रामराज्य की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक नई चेतना जगाई है।
