Govardhan Asrani Death News मुंबई: हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता और निर्देशक गोवर्धन असरानी, जिन्हें सिर्फ उनके उपनाम ‘असरानी’ से जाना जाता था, का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज़ श्मशान घाट पर परिवार और करीबी लोगों की उपस्थिति में हुआ। श्मशान घाट पर सभी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। Govardhan Asrani Death News
असरानी का निधन फिल्मी दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री, उनके साथी कलाकार और उनके लाखों प्रशंसक स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है।
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गोवर्धन असरानी का जन्म और शिक्षा
- जन्म: 1 जनवरी 1941, जयपुर, राजस्थान
- शिक्षा: सेंट जेवियर्स स्कूल और राजस्थान कॉलेज, जयपुर
- बचपन से ही अभिनय और सिनेमा में रुचि थी, यही कारण था कि उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए मुंबई का रुख किया।
फिल्मी करियर की शुरुआत
- साल 1967: फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
- इसके बाद उन्होंने लगातार काम किया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
- असरानी ने मुख्यतः हास्य, सहायक और चरित्र भूमिकाओं में अपनी अलग पहचान बनाई।

फिल्मों और प्रसिद्ध किरदार
असरानी की पहचान खास तौर पर उनके हास्य अभिनय और यादगार संवादों से हुई। उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया।
- शोले (1975) – जेलर (Jailor)
- यह उनका सबसे चर्चित और लोकप्रिय किरदार था।
- संवाद: “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं।”
- यह डायलॉग आज भी भारतीय सिने इतिहास के सबसे प्रसिद्ध डायलॉग्स में गिना जाता है।
- ब्लैकमेल (1973) – सहायक भूमिका
- अंदाज अपना अपना (1994) – हास्य भूमिका
- नायक (2001), बोल बच्चन (2012), और कई कॉमिक रोल्स
- उनकी कॉमिक टाइमिंग, मासूमियत और सहज अभिनय ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों में लोकप्रिय बना दिया।

क्यों थे खास?
- असरानी के अभिनय में हास्य और सहजता का अद्भुत मिश्रण था।
- वे अपने संवादों और कॉमिक टाइमिंग के कारण हर फिल्म में यादगार बने।
- उनकी भूमिकाएं कभी भी फिल्म के मुख्य किरदार की छाया में नहीं रही, बल्कि उन्होंने सहायक और हास्य भूमिकाओं को भी अमर बना दिया।
- पीढ़ियों तक लोग उनके अभिनय को याद रखते हैं।
फिल्मी दुनिया और प्रशंसकों का शोक
- फिल्म इंडस्ट्री ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- साथी कलाकारों और निर्देशक उन्हें एक युग का अंत मान रहे हैं।
- उनके काम की प्रशंसा हर नई पीढ़ी कर रही है।
अंतिम विदाई
असरानी का अंतिम संस्कार सांताक्रूज़ श्मशान घाट पर हुआ। परिवार ने इसे निजी रखा। उनके करीबी और सहकर्मी अंतिम विदाई देने पहुंचे। वहां का माहौल बेहद भावुक और शांत था।
संक्षेप में
- गोवर्धन असरानी: हिंदी सिनेमा का हास्य और सहायक अभिनेता
- कुल फिल्में: 350+
- जन्म: 1 जनवरी 1941, जयपुर
- मृत्यु: मुंबई, 83 वर्ष की उम्र में
- प्रसिद्ध किरदार: जेलर (शोले, 1975)
- पहचान: हास्य भूमिकाओं में मासूमियत, संवादों की उत्कृष्टता, और कॉमिक टाइमिंग
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