Train Travel Rights नई दिल्ली। हम सभी कभी न कभी ट्रेन से यात्रा करते हैं। सफर के दौरान हमारी मुलाकात TTE (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) या RPF (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) के जवानों से जरूर होती है। कई बार लोग अनजाने में या किसी मजबूरी के कारण बिना टिकट या गलत टिकट लेकर यात्रा करते हैं और पकड़े जाने पर घबरा जाते हैं। Train Travel Rights
लेकिन क्या आप जानते हैं — इस स्थिति में आपके भी कुछ कानूनी अधिकार (Legal Rights in Train) होते हैं? आइए जानते हैं कि अगर आपसे कोई गलती हो जाए तो क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अगर बिना टिकट यात्रा करते पकड़े जाएं तो क्या होगा?
अगर आप बिना टिकट ट्रेन में यात्रा करते हुए पकड़े जाते हैं तो TTE आपको सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकता।
यह भारतीय रेलवे के नियमों का उल्लंघन जरूर है, लेकिन यह एक सिविल अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें केवल जुर्माना लगाया जाता है।
क्या TTE मनमाना जुर्माना वसूल सकता है?
नहीं। TTE मनमानी रकम नहीं वसूल सकता।
जुर्माने की राशि आपके यात्रा वर्ग (Travel Class), ट्रेन के प्रकार, दूरी और किराए पर निर्भर करती है।
यदि आपको लगता है कि TTE ने गलत तरीके से जुर्माना लगाया है तो आप शिकायत कर सकते हैं —
📞 139 पर कॉल करें या
💬 155210 पर मैसेज भेजें।
अगर जुर्माना देने से इंकार कर दें तो क्या होगा?
अगर आप जुर्माना नहीं भरते हैं तो रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत TTE आपको अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार सकता है या आपका मामला रेलवे कोर्ट में भेजा जा सकता है।
इस स्थिति में आपको अधिकतम एक माह की सजा या ₹500 का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
क्या TTE रेलवे पुलिस को बुला सकता है?
हाँ, अगर कोई यात्री TTE से अभद्रता करता है या उत्पात मचाता है, तो TTE RPF (रेलवे पुलिस) को बुला सकता है।
इसके बाद RPF यात्री को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश कर सकती है।
अगर दोषी पाया गया तो रेलवे अधिनियम की धारा 139 के तहत 6 माह की सजा भी हो सकती है।
क्या यह आपराधिक अपराध है?
नहीं। बिना टिकट यात्रा करना सिविल अपराध (Civil Offence) है, न कि आपराधिक अपराध (Criminal Offence)।
इसका मतलब यह है कि मामला जुर्माने से सुलझाया जा सकता है।
लेकिन अगर यात्री पुलिस से झगड़ा करता है, कोर्ट के आदेश की अवहेलना करता है या हिंसा करता है, तो यह आपराधिक मामला बन सकता है।
क्या वकील की जरूरत पड़ती है?
सामान्य मामलों में नहीं। लेकिन अगर मामला अदालत में चला जाए या आपको लगता है कि आप पर लगाया गया जुर्माना गलत है, तो आप वकील की मदद ले सकते हैं।
वकील आपको कानूनी प्रक्रिया समझाएगा और आपके अधिकारों की रक्षा करेगा।
क्या बिना टिकट यात्रा करने पर ट्रेन से उतारा जा सकता है?
आमतौर पर ऐसा नहीं होता, लेकिन अगर यात्री जुर्माना नहीं भरता या सहयोग नहीं करता, तो TTE उसे अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार सकता है।
क्या रेलवे कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है?
हाँ। अगर आप जुर्माना नहीं भरते हैं, तो TTE मामला रेलवे पुलिस को सौंप देता है और पुलिस रेलवे कोर्ट में पेश कर सकती है।
वहाँ आपको अपनी बात रखने का मौका मिलता है, और कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई होती है।

याद रखें – आपके अधिकार
- TTE आपको बिना कारण गिरफ्तार नहीं कर सकता।
- जुर्माने की राशि तय नियमों के अनुसार होगी।
- शिकायत के लिए 139 या 155210 पर संपर्क करें।
- अभद्रता करने पर RPF कार्रवाई कर सकती है।
- बिना टिकट यात्रा सिविल अपराध है, आपराधिक नहीं।
‘जानें अपने अधिकार’ सीरीज़ के तहत यह जानना जरूरी है कि कानूनी जानकारी होना आपके आत्मविश्वास और सुरक्षा के लिए उतना ही जरूरी है जितना सफर के लिए टिकट।
बहुत अच्छा सवाल 👍
अगर कोई बिना टिकट या गलत टिकट लेकर ट्रेन में सफर करता है, तो भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 138 के तहत उस पर जुर्माना (Fine) लगाया जाता है।
👇 नीचे विस्तार से समझिए —
1. बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना (Fine for Travelling Without Ticket)
अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ा जाता है तो —
- उसे न्यूनतम किराया + ₹250 जुर्माना देना होता है।
👉 (रेलवे अधिनियम की धारा 138 के अनुसार)
उदाहरण के लिए –
अगर किसी रूट का टिकट ₹120 का है, तो बिना टिकट पकड़े जाने पर आपको देना होगा:
➡️ ₹120 (किराया) + ₹250 (जुर्माना) = ₹370 कुल राशि।
2. गलत क्लास या डिब्बे में सफर करने पर जुर्माना
अगर आप लोअर क्लास का टिकट लेकर हाई क्लास (जैसे स्लीपर या एसी कोच) में सफर करते हैं,
तो आपको दोनों क्लासों के किराये का अंतर + ₹250 जुर्माना देना होगा।
उदाहरण:
जनरल टिकट ₹80 और स्लीपर का ₹150 है → तो देना होगा:
➡️ ₹70 (अंतर) + ₹250 (जुर्माना) = ₹320 कुल राशि।

3. प्लेटफॉर्म टिकट न होने पर जुर्माना
अगर आप बिना प्लेटफॉर्म टिकट स्टेशन के अंदर पकड़े जाते हैं,
तो ₹250 तक का जुर्माना या अगले स्टेशन तक का किराया + जुर्माना, जो भी ज्यादा हो, वसूला जा सकता है।
4. टिकट छिपाना या गलत जानकारी देना (Cheating/Fraud)
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत टिकट दिखाता है या फर्जी जानकारी देता है,
तो रेलवे इसे धोखाधड़ी (Fraud) मानता है, और इस पर ₹1000 तक जुर्माना या 1 महीने की जेल (या दोनों) हो सकती है।
5. जुर्माना नहीं देने पर क्या होगा
अगर आप जुर्माना देने से इनकार करते हैं —
तो TTE आपको रेलवे पुलिस (RPF) के हवाले कर सकता है।
इसके बाद मामला रेलवे कोर्ट में जाएगा और
👉 कोर्ट जुर्माना बढ़ा सकती है या अधिकतम 1 महीने की सजा भी दे सकती है।
Train Travel Rights : बिना टिकट यात्रा करने पर क्या TTE आपको जेल भेज सकता है? जानें ट्रेन में सफर के दौरान आपके कानूनी अधिकार
