virendra singh tomar arrest रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से बड़ी खबर सामने आई है। सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग के कई मामलों में फरार चल रहा कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर को पुलिस ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर रायपुर के विभिन्न थानों में कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। पुलिस अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर ला रही है। virendra singh tomar arrest
ग्वालियर में छिपा था आरोपी
सूत्रों के अनुसार, जून 2025 से फरार चल रहा वीरेंद्र तोमर लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। रायपुर पुलिस को सूचना मिली कि वह ग्वालियर में छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस की टीम ने वहां दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
भाई रोहित तोमर अब भी फरार
वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी के बाद उसका छोटा भाई रोहित तोमर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी कर रही है।
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क्या है पूरा मामला
रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थानों में तोमर बंधुओं के खिलाफ सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धमकी और आर्म्स एक्ट सहित कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने पहले ही दोनों भाइयों की करोड़ों की संपत्तियां कुर्क की थीं, जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ऑफिस और आलिशान बंगला शामिल है।
पुलिस ने पहले पकड़े थे दोनों सहयोगी
15 जून को एंटी क्राइम और साइबर यूनिट की टीम ने तोमर बंधुओं के सहयोगी बंटी सहारे और जितेंद्र देवांगन उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये दोनों “विस्टों फाइनेंस” नाम से ब्याज वसूली का ग्रुप चलाते थे। जो लोग ब्याज नहीं देते थे, उन्हें धमकाया जाता था।
कैसे बना अंडा ठेला लगाने वाला करोड़पति
जानकारी के मुताबिक, तोमर ब्रदर्स ने शुरुआत अंडे का ठेला लगाने से की थी। बाद में दोनों ने सूदखोरी का धंधा शुरू किया और कुछ ही सालों में करोड़ों की संपत्ति बना ली। आज उनके पास भाठागांव में 5000 वर्गफीट में बना बंगला और कई लग्जरी गाड़ियां हैं। दोनों भाइयों पर चाकूबाजी, फायरिंग और सूदखोरी जैसे कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।
कौन है वीरेंद्र तोमर?
वीरेंद्र तोमर रायपुर का रहने वाला है और लंबे समय से सूदखोरी (ब्याज पर पैसा देना और वसूली करना) का बड़ा नेटवर्क चलाता था। उसका नाम तोमर ब्रदर्स के रूप में कुख्यात हुआ, जिसमें उसका छोटा भाई रोहित तोमर भी शामिल है। दोनों भाइयों ने ब्याज पर पैसे देकर रायपुर के कई इलाकों में अपना दबदबा बना लिया था। जिन्होंने पैसे समय पर नहीं लौटाए, उन्हें धमकाकर जमीन-जायदाद अपने नाम करा ली जाती थी।
अंडे का ठेला लगाने से करोड़पति बनने तक का सफर
जानकारी के मुताबिक, वीरेंद्र तोमर और उसका भाई रोहित तोमर पहले टिकरापारा इलाके में अंडे का ठेला चलाते थे। दोनों किराए के मकान में रहते थे। धीरे-धीरे उन्होंने लोगों को ब्याज पर पैसा देना शुरू किया। फिर अवैध सूदखोरी का जाल बिछाकर उन्होंने करोड़ों की संपत्ति बना ली। आज उनके पास भाठागांव में 5000 वर्गफीट में बना आलिशान बंगला, लग्जरी कारें और कई मकान-जमीनें हैं।
क्यों था फरार?
रायपुर पुलिस के अनुसार, वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पर सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धमकी, मारपीट, फायरिंग और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में 7 से अधिक केस दर्ज हैं। जून 2025 में जब पुलिस ने उनकी संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू की — तब दोनों भाई फरार हो गए थे। रायपुर जिला प्रशासन ने उनकी करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर दी थी। प्रशासन ने उनके दफ्तर और मकान पर बुलडोजर भी चलाया था।
virendra singh tomar arrest: फरार वीरेंद्र तोमर गिरफ्तार, ग्वालियर में छिपा था, रायपुर पुलिस ने छापा मारकर दबोचा…


