Cg Land Registration new rules/ रायपुर। प्रदेश के किसानों और भूमि खरीदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जमीन की खरीदी-बिक्री और पंजीयन (रजिस्ट्री) की प्रक्रिया से ऋण पुस्तिका की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। अब जमीन की रजिस्ट्री के समय किसानों या पक्षकारों को ऋण पुस्तिका (किसान किताब) प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी। इस संबंध में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं। Cg Land Registration new rules
क्या है नया प्रावधान? Cg Land Registration new rules
जारी आदेश के मुताबिक, अब राजस्व अभिलेख और ऋण की प्रविष्टियाँ पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई हैं। पहले किसानों को उनकी कृषि भूमि से संबंधित राजस्व प्रविष्टियों के आधार पर ऋण पुस्तिका जारी की जाती थी, जिसमें बैंक ऋण, बंधक और अन्य वित्तीय लेनदेन का विवरण दर्ज होता था। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में ‘भुईयां पोर्टल’ के माध्यम से भूमि अभिलेख, खसरा, नक्शा और बी-1 की प्रतियां ऑनलाइन उपलब्ध और मान्य हैं।
पंजीयन प्रक्रिया भी पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस हो चुकी है। ऐसे में भौतिक ऋण पुस्तिका की अब कोई विशेष आवश्यकता नहीं रह गई है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पंजीयन अधिकारियों के लिए ऋण पुस्तिका के तथ्यों की सत्यता जांचने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए अब इसकी अनिवार्यता समाप्त की जा रही है।

क्यों लिया गया यह फैसला?
राजस्व विभाग ने बताया कि कई बार किसानों को ऋण पुस्तिका न होने या समय पर नई पुस्तिका न मिलने के कारण जमीन की खरीदी-बिक्री में देरी और परेशानी होती थी। इससे न केवल किसानों को असुविधा होती थी बल्कि शासन की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता था।
अब प्रदेश में भूमि अभिलेख, गिरदावरी रिकॉर्ड, स्वामित्व सत्यापन और पंजीयन की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण ऋण पुस्तिका अप्रासंगिक हो गई है। 2017 से दस्तावेजों का ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुका है और “भुईया” पोर्टल से विक्रेता के स्वामित्व की जानकारी का मिलान सीधे राजस्व विभाग के डेटा से किया जा सकता है।
पंजीयन सॉफ्टवेयर में बड़ा अपडेट – ऑटो म्यूटेशन की सुविधा
सरकार ने पंजीयन सॉफ्टवेयर में ऑटो म्यूटेशन (स्वतः नामांतरण) की सुविधा भी लागू कर दी है। इसका मतलब यह है कि जैसे ही भूमि का पंजीयन होता है, वैसे ही खसरे का बटांकन और नई बी-1 की प्रति स्वतः जनरेट हो जाती है। इसमें खरीदार और विक्रेता दोनों की भूमि की जानकारी स्वतः अद्यतन हो जाती है। इससे नामांतरण के लिए अलग से आवेदन या मैन्युअल प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रहती। Cg Land Registration new rules
अब पूरी तरह पेपरलेस और पारदर्शी प्रणाली
साय सरकार के इस कदम से छत्तीसगढ़ की भूमि पंजीयन प्रणाली अब पूरी तरह पेपरलेस, पारदर्शी और किसान हितैषी बन गई है। अब पंजीयन के समय भुईयां पोर्टल पर उपलब्ध बी-1, खसरा और नक्शा की ऑनलाइन प्रति ही मान्य दस्तावेज मानी जाएगी।
राजस्व विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भविष्य में दस्तावेजों के पंजीयन के दौरान किसानों या पक्षकारों से ऋण पुस्तिका की मांग न की जाए। भूमि स्वामित्व, फसल विवरण और पंजीयन से संबंधित अन्य तथ्यों की पुष्टि अनिवार्य रूप से ऑनलाइन माध्यम से की जाए।
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें नई ऋण पुस्तिका के लिए राजस्व कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही रजिस्ट्री प्रक्रिया में समय और कागजी कार्यवाही दोनों की बचत होगी। यह फैसला छत्तीसगढ़ सरकार के डिजिटल और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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