Krishn-Rukmini ka Vivaah
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राधाकृष्ण के शाश्वत प्रेम के विषय में तो सभी को ज्ञात है। राधा बिना कृष्ण नहीं और कृष्ण बिना नहीं राधा! यदि कृष्ण हृदय हैं, तो राधा हमारे हृदय की गति हैं। इस प्रेमी युगल की इस महागाथा में आप जानेंगे कि किस तरह राधा और कृष्ण ने अपने प्रेम को संसार में स्थापित किया और समस्त संसार को प्रेम की परिभाषा सिखाई, क्योंकि प्रेम तो बहुत से लोग करते हैं लेकिन केवल प्रेम को पाने के लिए… परंतु राधाकृष्ण का प्रेम एक दूसरे को पाने के लिए नहीं, बल्कि संसार को प्रेम सिखाने के लिए था। तो देखते रहिए राधाकृष्ण की ये अनोखी प्रेम-गाथा, जो कृष्ण नहीं, बल्कि राधा की दृष्टि से लिखी गई है!
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राधाकृष्ण रासलीला – कृष्ण-रुक्मिणी का विवाह