RAIPUR BREAKING: रायपुर। छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित और प्रदेश की सबसे पुरानी शैक्षणिक संस्था पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में मंगलवार को एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना सामने आई। विश्वविद्यालय, जो अब तक अपनी साफ-सुथरी छवि और शिक्षण गुणवत्ता के लिए जाना जाता रहा है, वहां भ्रष्टाचार का पहला मामला उजागर हुआ है। सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ बाबू दीपक कुमार शर्मा को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पूरा मामला क्या है?
- पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी प्रकाश ठाकुर, जो फरवरी 2024 में सेवा निवृत्त हुए, अपनी पेंशन प्रक्रिया को शुरू कराने के लिए पिछले कुछ महीनों से लगातार प्रयासरत थे।
- उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज और फाइलें तैयार कर ली थीं, लेकिन बार-बार विश्वविद्यालय के सामान्य प्रशासन विभाग में दौड़ने के बावजूद उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ रही थी।
- अंततः बाबू दीपक कुमार शर्मा ने उनसे ₹30,000 की रिश्वत की मांग की, पेंशन फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर।

📌 ACB ने कैसे रची योजना?
- प्रकाश ठाकुर ने इस मामले की शिकायत ACB से की।
- इसके बाद ACB ने एक ट्रैप प्लान बनाया और प्रकाश ठाकुर को रिश्वत की रकम (₹30,000 नकद) के साथ विश्वविद्यालय भेजा।
- मंगलवार सुबह जब ठाकुर ने पैसे दीपक शर्मा को दिए, तो उन्होंने राशि गिननी शुरू की।
- ठीक उसी समय, ACB की टीम ने दबिश दी और दीपक शर्मा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
📌 ACB कार्रवाई के बाद मचा हड़कंप
- एसीबी की कार्रवाई की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।
- सभी गेट और विभागों के दरवाजे बंद कर दिए गए।
- मामला नव नियुक्त रजिस्ट्रार तक पहुंचा, जो अपनी सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।
पेंशन फाइल हुई गायब, प्रशासन हुआ सतर्क
- ACB की टीम जब पेंशन से संबंधित फाइलों की जांच करने पहुंची, तो हैरान करने वाली बात सामने आई — प्रकाश ठाकुर की पेंशन फाइल गायब थी।
- रजिस्ट्रार ने तुरंत आदेश दिया कि फाइल को तत्काल खोजा जाए, अन्यथा संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और अगली कार्रवाई
- रजिस्ट्रार कार्यालय ने ACB को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
- पूरे विश्वविद्यालय में अब दस्तावेजों और प्रक्रियाओं की जांच शुरू की गई है ताकि पता चल सके कि और कहीं ऐसे मामले तो नहीं दबे पड़े हैं।
- सामान्य प्रशासन विभाग के अन्य स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।
✅ मुख्य बिंदु:
- पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में पहली बार भ्रष्टाचार का मामला सामने आया।
- रिटायर्ड कर्मचारी से पेंशन पास कराने के नाम पर मांगी गई ₹30,000 की रिश्वत।
- ACB ने योजनाबद्ध तरीके से आरोपी बाबू दीपक कुमार शर्मा को पकड़ा।
- पेंशन की मूल फाइल गायब, जांच के निर्देश दिए गए।
- विश्वविद्यालय प्रशासन में मचा हड़कंप, रजिस्ट्रार ने दिए सख्त निर्देश।
- अन्य विभागों में भी दस्तावेजों की जांच शुरू।
यह मामला यह संकेत देता है कि अब तक स्वच्छ माने जाने वाले संस्थानों में भी सतर्कता और पारदर्शिता बनाए रखने की सख्त ज़रूरत है। ACB की कार्रवाई ने एक कड़ा संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार कहीं भी हो, वह अब बच नहीं सकता।
RAIPUR BREAKING: पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश – एसीबी ने 30 हजार की रिश्वत लेते बाबू को रंगे हाथ पकड़ा