Raipur Medical College Ragging रायपुर : छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय (PNNMC) में एमबीबीएस के दो सीनियर छात्रों को रैगिंग के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। यह कदम मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग टीम ने उठाया, जिसने रैगिंग के गंभीर आरोपों की जांच के बाद यह कार्रवाई की। सस्पेंड किए गए दोनों सीनियर छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने एमबीबीएस के पहले साल के छात्रों से रैगिंग ली, जिसमें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना भी शामिल थी। Raipur Medical College Ragging
क्या था मामला?
मेडिकल कॉलेज के पहले वर्ष के छात्रों ने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की थी कि उनके सीनियर छात्रों ने उन्हें न केवल मानसिक रूप से परेशान किया, बल्कि शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया। आरोप था कि सीनियर छात्रों ने इन नवनियुक्त छात्रों को सामूहिक रूप से बाल मुंडवाने के लिए मजबूर किया और हॉस्टल में उनके साथ दुर्व्यवहार किया। रैगिंग के शिकार छात्रों ने इस मामले को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसे तत्काल रिपोर्ट किया।
शिकायत मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने तुरंत एक जांच कमेटी बनाई और मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान यह पाया गया कि रैगिंग के आरोप सही थे और दोषी छात्रों ने नए छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुँचाया था। इसके बाद, सस्पेंड किए गए छात्रों पर 10 दिन के लिए कॉलेज की क्लासेस और क्लिनिकल पोस्टिंग में शामिल होने पर रोक लगा दी गई।
ALSO READ – Bomb Blast in Railway Station: रेलवे स्टेशन में जोरदार धमाका.. अब तक 24 लोगों की मौत, 45 से ज्यादा घायल
10 दिन का सस्पेंशन और उसकी वजह
Raipur Medical College Ragging शिकायत की जांच में दोनों सीनियर छात्रों पर आरोप साबित होने के बाद, कॉलेज प्रशासन ने उन्हें 10 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। इस दौरान उन्हें न केवल कक्षा में भाग लेने से रोका गया, बल्कि उनकी क्लिनिकल पोस्टिंग और मेडिकल प्रैक्टिकल्स में भी भागीदारी पर भी रोक लगा दी गई। यह कार्रवाई 4 नवंबर 2024 को की गई थी और इसके तहत सीनियर छात्रों को अपनी पढ़ाई में इस अवधि के लिए पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज के डीन का बयान
इस मामले पर रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी जांच कमेटी ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की है। हमें एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर मिली शिकायत के बाद इस घटना की पूरी जांच की आवश्यकता महसूस हुई। जांच के परिणामस्वरूप हमनें दोषी पाए गए छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। कॉलेज प्रशासन रैगिंग के खिलाफ है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
डॉ. विवेक चौधरी ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी छात्र रैगिंग के शिकार न हो और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने छात्रों को भी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में रैगिंग जैसी कोई घटना घटित होती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देश
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में रैगिंग पर कड़ी रोक है और हर साल इस पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। कॉलेज प्रशासन ने पहले ही रैगिंग के खिलाफ एक हेल्पलाइन शुरू कर रखी है ताकि छात्र किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना का सामना करने पर तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, कॉलेज के हॉस्टल और क्लासरूम्स में नियमित निरीक्षण भी किया जाता है ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
रैगिंग के मामलों पर क्या है कानून?
भारत में रैगिंग के मामलों पर कड़े कानून हैं और यह छात्र जीवन में एक गंभीर अपराध माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को रैगिंग के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाने का आदेश दिया गया है। किसी भी प्रकार की रैगिंग की शिकायत पर कॉलेज प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी होती है।
छात्रों के लिए चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि रैगिंग के खिलाफ तटस्थ कार्रवाई की जाती है और यह किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि रैगिंग के आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।
यह घटना पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के लिए एक कड़ा संदेश देती है कि संस्थान में किसी भी प्रकार की रैगिंग या छात्र उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Raipur Medical College Ragging: रायपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग…50 स्टूडेंट्स के सिर मुंडवाए: हॉस्टल में पीटा, MBBS के 2 सीनियर छात्र सस्पेंड