Raipur Double Murder Case रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार की रात एक सनसनीखेज डबल मर्डर की घटना सामने आई, जिसने पूरे शहर को हिला दिया है। शराब के नशे में धुत एक समूह ने दो युवकों की बेरहमी से हत्या कर दी। घटना आमा सिवनी के पास हुई, जहां चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर रोहित सागर और हरीश साहू नामक दो युवकों को मौत के घाट उतार दिया गया। मृतकों की पहचान होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से कई युवकों का नाम सामने आया है।
ग्रामीणों का आक्रोश और चक्काजाम
रायपुर में हुई इस डबल मर्डर की घटना के बाद इलाके के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। आमा सिवनी के लोग इस घटना को लेकर बेहद गुस्से में हैं और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम कर दिया। सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने विधान सभा जाने वाली प्रमुख सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया, जिससे दोनों तरफ कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम में फंसी सैंकड़ों कारों और बाइकों से राहगीरों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
पुलिस को जैसे ही इस चक्काजाम की सूचना मिली, उन्होंने भारी संख्या में बल तैनात कर दिया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों की मांग थी कि पुलिस मामले में सख्त कदम उठाए और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। Raipur Double Murder Case
पुलिस पर आरोप और ग्रामीणों की मांग
इस मामले में एक और गंभीर आरोप पुलिस पर लगा है। मृतक हरीश साहू के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मामले में त्वरित कार्रवाई करने के बजाय उन्हें नजरअंदाज किया। इसके अलावा, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि शराब की दुकानों के कारण इलाके में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे यह घटना भी सामने आई।
इन्हीं सब कारणों से आमा सिवनी के लोग प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं और उन्होंने मांग की है कि विधानसभा थाना प्रभारी और CSP (सिटी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस) को उनके पद से हटाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो उनका विरोध और बढ़ेगा। Raipur Double Murder Case
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
इस सनसनीखेज डबल मर्डर के बाद रायपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुछ आरोपी शराब के नशे में थे और किसी पुराने विवाद को लेकर इस हत्या को अंजाम दिया गया। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की और यह भी साफ किया कि जल्द ही बाकी अभियुक्तों की पहचान की जाएगी।
हालांकि, मामले में पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर हरीश साहू के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद। इस बीच, रायपुर पुलिस को एक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि ग्रामीणों का गुस्सा अब प्रशासन पर भारी पड़ता दिख रहा है।
आगे क्या होगा?
इस घटना ने प्रशासन और पुलिस दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस को इस मामले की गहराई से जांच करनी होगी और यह भी देखना होगा कि शराब की दुकानों के खिलाफ ग्रामीणों की नाराजगी को कैसे दूर किया जा सकता है।
इसी के साथ, रायपुर शहर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य में शराब से जुड़ी समस्याओं पर भी गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। शराब के नशे में होने वाली हिंसक घटनाओं की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे।
रायपुर का यह डबल मर्डर केस केवल एक क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक विफलता, पुलिस की जवाबदेही और समाज में बढ़ते अपराध को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस पर दबाव प्रशासन के लिए एक चुनौती साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कैसे आगे बढ़ते हैं और क्या अपराध नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।